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अथर्वा: एक विलक्षण काव्यकृति
इस पुस्तक को पढ़िए। यह प्राचीन भारतीय मनीषा और उसकी सतत प्रवाहमयी प्राणधारा से उपजी पुस्तक है। इसे पढ़ने के लिए पर्याप्त अध्ययन, गंभीर काव्यात्मक समझ और धैर्य की आवश्यकता है। यह पुस्तक प्राचीन ऋषियों के दर्शन, चिंतन, रचनाधर्म, ज्ञान-विज्ञान, इतिहास-धारा और आधुनिक काव्य के बड़े कवियों की कला, उनकी अंतर्ध्वनियों, भाषा के बिम्बों को सूक्ष्मता से समेटती, विकसित करती है। कलावंत विद्वान साधक कवि को बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
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